मुंबई। ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग घोटाले में देशभर के 140 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये ठगने के लिए 70 फर्जी बैंक खाते खोलने वाले तीन आरोपियों को मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है।
उत्तर क्षेत्र साइबर सेल ने शेषनाथ उर्फ गणेश पांडे (47), सतीश पुनामिया (47) और राहुल बच्चन (37) को गिरफ्तार किया है। ये तीनों आरोपी पहले भी कई मामलों में शामिल रहे हैं और इन्हें मीरा रोड, ठाणे, कस्तूरबा मार्ग और वर्ली पुलिस थानों द्वारा पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने इनके पास से कई फर्जी दस्तावेज, क्रेडिट और एटीएम कार्ड तथा अन्य सामग्री बरामद की है। इनकी गिरफ्तारी तब हुई जब जांच के दौरान इन 70 फर्जी बैंक खातों का खुलासा हुआ, जिनमें पीड़ितों का पैसा जमा कर तुरंत निकाल लिया जाता था।
शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
जांच की शुरुआत फरवरी में हुई जब एक सेवानिवृत्त महिला ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, साइबर ठगों ने खुद को शेयर ट्रेडिंग विशेषज्ञ बताकर महिला को निवेश के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला को एक शेयर ट्रेडिंग ग्रुप में शामिल किया जहां कई फर्जी सदस्य ग्रुप के एडमिन की तारीफ कर उनके मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहे थे। यह सब देखकर महिला ने विश्वास कर लिया और निवेश शुरू किया।
ठगों ने महिला को विभिन्न लिंक भेजे और शेयर खरीदने के बहाने उससे 2.85 करोड़ रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए। बाद में जब महिला ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की तो वह असफल रही। ठगों ने उसे और पैसे जमा करने के लिए कहा ताकि रकम “डिफ्रीज” की जा सके। ठगी का एहसास होने पर महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पैसे का ट्रेल ट्रैक कर खुला मामला
उत्तर क्षेत्र की वरिष्ठ निरीक्षक सुवर्णा शिंदे के अनुसार, “जब पुलिस ने पैसे के ट्रेल की जांच की तो पता चला कि महिला द्वारा ट्रांसफर की गई रकम मिनटों में ही निकाल ली गई थी। इन खातों की गहन जांच में यह सामने आया कि इन खातों में देशभर के कई साइबर ठगी के पीड़ितों ने पैसे जमा किए थे।”
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने इन 70 फर्जी खातों को विभिन्न बैंकों में खोलने के लिए अपने “गुरुओं” से मोटा कमीशन लिया था।
सरकारी योजनाओं के नाम पर भी ठगी
डीसीपी (क्राइम ब्रांच) दत्ता नलावड़े के अनुसार, आरोपियों ने कई लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत सस्ते घर और फ्लैट दिलाने का झांसा देकर भी ठगी की है।
पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है और ठगी के इस जाल में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।