जयपुर (कार्यालय संवाददाता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राजस्थान में बन रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए विकसित राजस्थान बनाने का संकल्प पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि संशोधित पार्वती कालीसिंध चम्बल परियोजना राजस्थान को सुजलाम सुफलाम बनाने की परियोजना है। प्रधानमंत्री मंगलवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी तेजी से विकसित होगा। आने वाले वर्षों में डबल इंजन की सरकार और तेज गति से काम करते हुए राजस्थान के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। 'सुशासन की धरोहर को समृद्ध बना रही भजनलाल सरकार प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार का एक साल पूरा होने पर बहुत-बहुत बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम ने राजस्थान के विकास को नई गति, नई दिशा देने का काम किया है। साथ ही, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. गैरों सिंह शेखावत के विजन को सराहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में डबल इंजन की सरकारे सुशासन की गारंटी है। दे हर संकल्प को पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास करती है। तभी एक के बाद एक राज्यों में आज डबल इंजन की सरकारों को इतना समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि देश ने लोकसभा में लगातार तीसरी बार हमें जनादेश दिया है बीते 60 सलें में ऐसा पहली थार हुआ है।
'जल विवाद को बढ़ावा देने पर रहा पुरानी सरकारों का ध्यान' प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वस साल से केंव सरकार ने जो काम करके दिखाया है वह आजादी के बाद के 5.5-6 वहकों में नहीं हो सका था। उन्होंने कहा कि राजस्थान के कई क्षेत्रों में भयंकर सूखा पड़ता है वहीं दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में हमारी नदियों का पानी बिना उप्योग के ऐसे ही समंवर में बह जाता है। ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही अटल जी ने नदियों को जोड़ने का विजन रखा था। इससे बाढ़ और सूखा दोनों समस्याओं का समाधान संभव था। उन्होंने कहा कि पुरानी सरकारों का ध्यान समाधान के बजाय राज्यों के बीच जल विवाद को बढ़ावा देने पर रहा, राजस्थान को इस कुनीति के कारण बहुत कुछ भुगतना पड़ा। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को भी इसी कारण लटकाया गया।
'हमारी नीति विवाद नहीं संवाद, व्यवधान नहीं बल्कि समाधान की प्रछनमंत्री मेदी ने कहा कि किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोग किसानों के लिए न खुद कुछ करते हैं और ना दूसरों को करने देते हैं, जबकि हमारी नीति, विवाद की नहीं संवाद की है। हम विरोध में नहीं, सहयोग में विश्वास करते हैं। हम व्यवधान में नहीं. समाधान पर यकीन करते हैं और इसीलिए हमारी सरकार ने ईआरसीपी को स्वीकृत करने के साथ इसका विस्तार भी किया।
'एमपीकेसी परियोजना से राजस्थान और मध्य प्रदेश के विकास में आएगी तेजी प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में हमारी सरकार बनने के बाद हुए हुए संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल (एमपीकेसी) लिंक परियोजना से चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालेसिंध, कुनो, बास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने पर राजस्थान में विकास के लिए पर्यान पानी होगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों के विकास में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि ताजेवाला से शेखावाटी के लिए पानी लाने के समझौते से भी हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों को फायदा होगा।
'सबसे कनेक्टेड राज्यों में होगा राजस्थान' प्रधानमंत्री ने समारोह में 46 हजार करोड़ रूपर से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए कहा कि ये प्रोजेक्ट में पानी राजस्थान में की धुनीका स्थाई समान और हवाई यात्रा में सबसे कनेक्टेड राज्य बनाना हमारा संकल्प है। दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औधोगिक केंद्रों को राजस्थान से जोड़ने वाला नया एक्सप्रेसवे देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेस वे में से एक होगा। जामनगर-अमृतसर इकोनॉमिक कॉरिडोर दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे के माध्यम से राजस्थान को मां वैष्णो देवी मंदिर से जोड़ेगा दूसरी तरफ उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंदा बंदरगाहों से सीधा संपर्क मिलेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट सेक्टर और यहां के युवाओं को रोजगार के रूप में मिलेगा। जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने पचपदरा रिफाइनरी की राह में भी कई रोडे अटकाए थे। अथ ये रिफाइनरी यहां रोजगार और पेट्रोकेमिकल से जुड़े दूसरे उद्योगों को बढ़ावा देगी।