ठाणे चातुर्मास विदाई समारोह में भाव विह्वल हो उठे श्रावक

Pratahkal    19-Nov-2024
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मुंबई। मेवाड़ संघ मुंबई उपसंघ ठाणे में महासती मुक्तिप्रभा एवं सुप्रज्ञा मसा के सानिध्य में चल रहे चार्तुमास का समापन लोकाशाह जयंती एवं विदाई समारोह के साथ हुआ। वर्षों बाद आयोजित हुए विदाई समारोह में श्रावक श्राविकाओ के नयन छलक पडे तो महासती भी भाव विह्वल हो उठे। चातुर्मास लाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले महेंद्र चंडालिया, अशोक गेलड़ा, विपिन तातेड, मोहित तलेसरा, अरुण पामेचा, महावीर झगडावत ने आयोजन की सफलता के लिए पूरे संघ का आभार जताया। इस अवसर पर भारत जैन महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिमनलाल डांगी, युवा अध्यक्ष महेन्द्र पगारिया, दिनेश कोठारी, जयंती परमार, पुनीत मेहता, दिलीप पगारिया, रीखबलाल सांखला, लालचंद बम्बोरी, बलवंत बोलिया, दिनेश सिंघवी, पारस बाफना, संदीप मेहता, गणेश मेहता, सुनिल मेहता, मेवाड महिला मंडल मंत्री लीला खरवड़ के साथ कुर्ला, घाटकोपर व अन्य उपसंघों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर भांडुप उपसंघ ने अध्यक्ष बलवंत बोलिया के साथ चातुर्मास का आग्रह किया, जिस पर महासती की आश्वासन दिया। इस अवसर पर शांतिलाल पोखरना को समाज गौरव से अलंकृत किया गया।
 
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चातुर्मास आयोजन में संघ अध्यक्ष विनोद तातेड, मंत्री भारत सावला, कोषाध्यक्ष प्रवीण बडाला, चातुर्मास समिति अध्यक्ष अशोक गेलडा, मंत्री महेंद्र चंडालिया, कोषाध्यक्ष विपिन तातेड, नवयुवक मंडल अध्यक्ष मनोज मेहता, मंत्री संदीप आंचलिया, कोषाध्यक्ष अरविंद रांका, महिला मंडल अध्यक्ष रेखा सिंघवी, मंत्री नम्रता मांडोत, कोषाध्यक्ष सुनीता चंडालिया, कन्या मंडल अध्यक्ष अनुष्का सियाल, मंत्री खुशी तातेड, कोषाध्यक्ष सोनाली खटवड़, गणेश बडाला, डालचंद हिंगड़, शिवलाल हिंगड़, हीरालाल रांका, चंद्रसिंह मेहता, अखिलेश हिंगड़, दिनेश रांका, सुशील बडाला, विमल बोल्या, दिनेश खटवड, विनोद चंडालिया, गौतम बोहरा, पंकज दुग्गड, महावीर झगड़ावत, अरुण पामेचा, मोहित तलेसरा, अजीत खमेसरा, पुष्कर आंचलिया, पवन कोठारी, महेश मेहता, कुंदन बापना, रमेश सिंयाल,चंद्रसिंह मेहता, छोटूलाल सोनी, सम्पत कोठारी, अश्विन पोखरना, मुकेश संचेती, मांगीलाल संचेती, अनिल रांका, आशीष बडाला, पवन बडालमिया, दिलीप चौरडिया, चंचल सिंघवी, तरुण सामर, अंकित झगड़ावत, संदीप पीपाड़ा, कौशल चौरडिया, विमल ओस्तवाल, विनीता मेहता, रानी रांका, लीला वडाला, कल्पना रांका, ममता साबला, कुसुम कोठारी, सोनल मेहता, आशा चंडालिया, पुष्पा गेलड़ा, कुसुम तातेड, मनखुश वडाला, शर्मिला तातेड, रेनू तलेसरा, नीलम झगड़ावत, गुनबाला पामेचा, आजाद मेहता, पुष्पा कोठारी, सोनिया कुमठ, रतना पोखरना, इंदिरा सियाल, रेखा बोलिया, मोनिका चंडालिया, दिलखुश बाफना, रवीना खमेसरा आदि का योगदान रहा।
 
मंगलाचरण के साथ प्रारम्भ हुआ कार्यक्रम के दौरान महासती ने कहा कि धर्म ही जीवन का मूल होना चाहिए। मानव जीवन क्षणभंगुर है। इस अवधि में अगर हम परमात्मा के साथ अपने आप को एकाकार कर लेते हैं तो हमारा जीवन धन्य हो जाता है। उन्होंने संत लोक शाह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोकाशाह ने एक क्रांति का सूत्रपात करके स्थानकवासी परंपरा की स्थापना की थी, आज उनकी एक क्रांति हमें विविध रूपों में जीवन दर्शन के साथ सही मायने में जीना सिखाती है।