मुंबई। साध्वी पुण्ययशा एवं साध्वी डॉ मंगल प्रज्ञा का आध्यात्मिक मिलन दहिसर में हुआ। मिलन समारोह को संबोधित करते हुए साध्वी पुण्ययशा ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ में अनुशासन शैली, समर्पण का शौर्य और विनम्रता की परंपरा है। यह हमारा सौभाग्य है गुरुदेव महाश्रमण अपनी तप, साधना एवं श्रम से संघ का गौरव शतगुणित कर रहे हैं। साध्वी मंगलप्रज्ञा में विद्वता के साथ विनम्रता के उज्जवल भाव है। साध्वी डॉ मंगल प्रज्ञा ने कहा कि हमारा लक्ष्य है वीतराग की साधना। आज का मिलन वीतराग साधकों का मिलन है। उन्होंने कहा कि साध्वी पुण्ययशा शांत, मधुर स्वभावी, सेवाभावी प्रभावी व्यक्तित्व की धनी है। साध्वी सुदर्शनप्रभा, साध्वी अतुलयशा, साध्वी राजुलप्रभा, साध्वी चैतन्यप्रभा और साध्वी शौर्यप्रभा ने मिलन गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी विनययशा, साध्वी वर्धमानयशा, साध्वी बोधिप्रभा ने संगीत लहरियों से परिसर को सुरम्य बना दिया।