दिगम्बर संत पहुंचे कालबादेवी

Pratahkal    08-Oct-2024
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Digambar Sant
 
मुंबई। दिगंबर संत (Digambar Sant) मुनि प्रणुत सागर व मुनि जयंत सागर आचार्य महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल कालबादेवी पहुंचे। आयोजन में मुनि जयंत सागर ने कहा कि जैन धर्म अनंत काल से है। हम भगवान महावीर की परंपरा के हैं। जियो और जीने दो संस्कार भगवान महावीर ने दिया। मुनि प्रणुत सागर ने कहा कि कुलदीप मुनि से मिलकर प्रसन्नता हुई। आप तेरापंथ में दीक्षित हुए और हम दिगंबर में। आज हम दोनों साथ बैठे हुए हैं। माता पिता जो संस्कार देते व सुख में काम आता है और गुरु के संस्कार दुख में काम आते हैं। मुनि कुलदीप कुमार ने कहा कि हम ज्ञान दर्शन चारित्र की आराधना करें। यही आत्मा का सार है। हमारा असली स्वरूप हमारे भीतर है। तेरापंथी हो या दिगंबर सबका एक ही लक्ष्य साधना करना है। भीतर से आदमी सरल हो तो पंथ विवाद नहीं होता। फाउंडेशन के पूर्व अध्यक्ष किशनलाल डागलिया ने स्वागत किया। सभाध्यक्ष सुरेश डागलिया ने संचालन किया। फाउंडेशन कार्याध्यक्ष गणपतलाल डागलिया, मंत्री लक्ष्मीलाल डागलिया, रमेश मेहता, सुखलाल सिंयाल, नरेंद्र पोरवाल, नितेश धाकड़, अशोक धींग, विनोद बरलोटा, अशोक बरलोटा, कुलदीप बैद, युवक परिषद् अध्यक्ष गिरीश सिसोदिया, मंत्री श्रेयांश मुणोत, उत्सव धाकड़ सक्रिय रहे। यह जानकारी सभा मंत्री दिनेश धाकड़ ने दी।