सोने की ऊंची कीमतों के चलते स्वर्णाभूषणों की मांग हुई प्रभावित

Pratahkal    07-Oct-2024
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gold jewelery 
 
मुंबई। सोने (Gold) की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों ने त्यौहारी सीजन के दौरान स्वर्णाभूषणों (gold jewelery) की मांग को प्रभावित किया है। आभूषण विक्रेताओं के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय हो सकता है। खास तौर पर तब जब त्यौहारी सीजन चल रहा है और आमतौर पर हर साल इस दौरान स्वर्णाभूषणों की मांग में जोरदार उछाल देखी जाती है।
 
सोने के आभूषणों की मांग में गिरावट का शुरुआती संकेत कीमती धातु के आयात में कमी से देखा जा सकता है। लंदन स्थित मेटल रिसर्च फर्म मेटल फोकस के प्रिंसिपल कंसल्टेंट चिराग शेठ के मुताबिक, कीमतें बढ़ने से आयात धीमा हो गया है और बाजार में छूट की स्थिति बन गई है। आयात की लागत पर यह छूट 4-5 डॉलर प्रति औंस बताई जा रही है।
 
सितंबर के लिए आयात के आंकड़ें उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन अगस्त में 180 टन सोना आयात किया गया, जो लॉकडाउन के बाद सबसे अधिक मासिक आयात था। हालांकि, सितंबर में लोगों ने पितृपक्ष के दौरान सोने की खरीदारी से परहेज किया है। जूलरी कारोबारियों के सतर्क रुख से सोने की मांग में आई गिरावट और कमजोरी का संकेत साफ समझा जा सकता है।
 
जूलरी बाजार के जानकारों के मुताबिक, खुदरा ज्वैलर्स ने निर्माताओं को दिए गए ऑर्डर रद्द करना शुरू कर दिया है। मांग को बढ़ाने के लिए, कुछ जूलर्स ने आभूषणों के मेकिंग चार्जेस में प्रति ग्राम 500 रुपये की कटौती कर दी है। दिवाली (Diwali) की मांग को पूरा करने के लिए जूलरी कारोबारी एक महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर देते हैं। दशहरा (Dussehra) और धनतेरस (Dhanteras) सोने की खरीदारी के बड़े मौके होते हैं। बजट में सोने के आयात शुल्क (import duty) में 9% की भारी कटौती से गोल्ड लोन कारोबार पर भी असर पड़ा है। चूंकि जूलरी कारोबारी स्वर्णाभूषण तैयार करने के लिये कर्ज पर सोना लेते हैं आभूषण तैयार करने के लिए लोन पर सोना लेते हैं और आभूषण बिक जाने के बाद उसे वापस कर देते हैं। लिहाजा इस बार बैंक और जूलरी कारोबारी दोनों ही सतर्क हैं।
 
वर्तमान में, पश्चिम एशिया में संघर्ष के बढ़ने के साथ, सोने की कीमतों में तेजी जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि यह एक सुरक्षित निवेश है। कई बाजार विशेषज्ञों ने भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, आगामी अमेरिकी चुनावों और ब्याज दरों में कटौती के बाद अगली कुछ तिमाहियों में कीमतें बढ़कर 2,900- $3,000 प्रति औंस तक पहुंचने का अनुमान लगाया है।
 
वामन हरि पेठे ज्वैलर्स के निदेशक आदित्य पेठे के अनुसार, त्योहारी सीजन की शुरुआत में सोने की ऊंची कीमतें आम तौर पर ग्राहकों को हतोत्साहित करती हैं। पितृपक्ष खत्म होने और त्यौहारी सीजन शुरू होने के साथ, ग्राहकों, जूलर्स और बाजार सहभागियों को उम्मीद है कि कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहेगी और मांग प्रभावित नहीं होगी।
 
हालांकि, उन्होंने कहा कि सोने की ऊंची कीमतों के कारण, ग्राहक समग्र बजट को बनाए रखने के लिए अपनी खरीद के ग्रामेज को कम करने का विकल्प चुन सकते हैं। इसके अतिरिक्त, एक नया चलन उभर रहा है, जिसके तहत आभूषणों की बिक्री का एक तिहाई हिस्सा अब पुराने आभूषणों के आदान-प्रदान के कारण होता है क्योंकि ग्राहक नए डिजाइन चाहते हैं। पेठे के अनुसार, आगे चलकर, 18 कैरेट सोने के आभूषण उच्च कीमतों के कारण लोकप्रिय होंगे।
 
कल्याण ज्वैलर्स के मुताबिक, सीमा शुल्क में कटौती और उसके बाद सोने की कीमतों में गिरावट के बाद भारत में उसके शोरूमों में ग्राहकों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई है, जो सोने के प्रति सकारात्मक उपभोक्ता भावना का संकेत है, जो अभी भी जारी है।