प्रातःकाल संवाददाता उदयपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने कहा कि शिक्षा (Education) ही सशक्तीकरण (empowerment) का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है।
शिश्चित और सुसंस्कारित व्यक्ति अपने परिवार, समाज और देश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मुर्मू गुरूवार को उदयपुर (Udaipur) के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षान्त समारोह (Convocation ceremony) को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। राष्ट्रपति ने कहा कि आज का दिन सिर्फ स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए ही नहीं बल्कि उनके शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी हर्ष और गर्व का है। विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में आयोजित समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ किसनराव बागडे (Haribhau Kisanrao Bagde) ने की। विशिष्ट अतिथि पंजाब के राज्यपाल व चण्डीगढ़ प्रशासक गुलाबचंद कटारिया रहे। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा सम्माननीय अतिथि के रूप में मौजूद रहे। प्रारंभ में कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किय। दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने विभिन्न विषयों के 85 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा 68 शोधार्थियों को विद्या वाचस्पति की उपाधि से नवाजा। दीक्षांत समारोह में 85 विद्यार्थियों को 102 गोल्ड मेडल दिए गए। जिसमें 16 छात्र तथा 69 छात्राएं शामिल है। इन गोल्ड मेडल में 8 चांसलर मेडल भी शामिल है जिसमें दो छात्र व 6 छात्राएं हैं।
प्रतिवर्ष दिए जाने वाले 9 स्पॉन्सर गोल्ड मेडल के क्रम में डॉ सौबी मामोरिया, प्रो विजय श्रीमाली, प्रो आरके श्रीवास्तव, विजय सिंह देवपुरा, पीसी रांका, प्रे ललित शंकर-पुष्पा देवी शर्मा स्मृति में गोल्ड मेडल दिए गए। इसके साथ ही कुल 68 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई, जिसमें 35 छात्राएं और 33 छात्र शामिल थे।