महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के लिए कई मुद्दे होगे निर्णायक साबित

21 Oct 2024 15:08:34
BJP in Maharashtra
 
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Vidhansabha Elections) के तारीखों के ऐलान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP in Maharashtra) अपनी सियासी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली सफलता ने भाजपा के अंदर अतिरिक्त उत्साह भर दिया है और पार्टी अब महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के साथ अपनी जीत की कहानी को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है। भाजपा के लिए यह चुनाव न केवल राजनीतिक प्रतिष्ठा का सवाल है, बल्कि राज्य में उसकी स्थायी पकड़ को बनाए रखने का भी अवसर है।
 
भाजपा कैसे साधेगी गठबंधन की बिसात
भाजपा इस बार महाराष्ट्र में शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतर रही है। महायुति गठबंधन के रूप में ये तीनों दल एकजुट होकर 288 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का लक्ष्य साधेंगे। हालांकि, भाजपा की रणनीति गठबंधन के बावजूद राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनने की है।
 
महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के लिए कई मुद्दे निर्णायक साबित हो सकते हैं। मौजूदा वक्त में मराठा आरक्षण राज्य में एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा है, महायुति गठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। चूंकि भाजपा इस गठबंधन का हिस्सा है इसलिए मराठा आरक्षण का समाधान निकालने में उसकी भूमिका अहम होगी। इसके अलावा, महंगाई, किसान संकट, जल संकट, और रोजगार के अवसरों की कमी जैसे मुद्दे भी चुनावी समीकरण को प्रभावित करेंगे। भाजपा इन समस्याओं का समाधान पेश कर मतदाताओं का समर्थन हासिल करना चाहेगी।
 
क्या मिलेगा संगठनात्मक ताकत और संघ का सहयोग?
भाजपा के चुनावी अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का सहयोग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हरियाणा चुनाव में संघ की बढ़ी हुई भूमिका ने भाजपा को सफलता दिलाई, और अब महाराष्ट्र में भी पार्टी संघ की जमीनी संगठनात्मक ताकत का भरपूर उपयोग करने जा रही है। संघ की राज्य में मजबूत पकड़ होने के कारण भाजपा को विश्वास है कि इसे विधानसभा चुनाव में लाभ मिलेगा। इसके अलावा चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव को कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित करने और उन्हें चुनावी तैयारी के लिए प्रेरित करने का जिम्मा सौंपा गया है।
 
केंद्र की योजनाओं से भाजपा को उम्मीद
भाजपा को केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं से भी उम्मीदें हैं। पार्टी ने राज्य में अलग-अलग सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को सुलझाने के लिए योजनाएं शुरू की हैं जिनमें किसानों के लिए सब्सिडी, जल प्रबंधन, और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया है। भाजपा की कोशिश होगी कि इन योजनाओं को लेकर वह जनता के बीच विश्वास बनाए रखे और मतदाताओं का समर्थन हासिल करे।
 
कैसा रहा भाजपा का अबतक का चुनावी प्रदर्शन
महाराष्ट्र में भाजपा का पिछले एक दशक का प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा है। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शिवसेना से अलग होकर 122 सीटें जीतीं और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। इसके बाद शिवसेना और भाजपा ने मिलकर सरकार बनाई। हालांकि, 2019 के चुनाव के बाद शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की अदला-बदली को लेकर भाजपा से अलग होकर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के साथ गठबंधन किया। इसके बाद 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत ने एमवीए सरकार को गिरा दिया और शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाई।
 
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। हरियाणा में मिली जीत से प्रेरित होकर पार्टी महाराष्ट्र में भी अपना प्रदर्शन बेहतर करने की तैयारी में है। मराठा आरक्षण, महंगाई, किसान संकट जैसे मुद्दे चुनावी अभियान में प्रमुख होंगे और भाजपा का लक्ष्य होगा कि वह इन मुद्दों पर जनता का भरोसा जीत सके। इसके अलावा केंद्र की योजनाओं का लाभ उठाते हुए भाजपा इस चुनाव को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश कर रही है। अब देखना यह होगा कि पार्टी अपनी रणनीति में कितना सही साबित हो पाती है।
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