रामलला के लिए उपहारों की झड़ी भेंट किए जाएंगे सोने के तीर-धनुष

13 Jan 2024 19:00:00
Golden arrows and bows will be presented to Ramlala as gifts.
 
अयोध्या (एजेंसी)। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजमान होंगे। अयोध्या में होने वाले इस भव्य कार्यक्रम के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश-विदेश के लोग उत्साहित हैं, कोई उन्हें सोने के खड़ाऊ भेंट कर रहा है तो कोई सोने के तीर और धनुष । जी हां! भगवान राम को 23 कैरेट सोने का धनुष भेंट किए जाने को लेकर तैयारी चल रही है। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले भगवान राम को 23 कैरेट सोने का धनुष भेंट किया जाएगा। ढाई किलोग्राम वजनी इस धनुष के निर्माण में करीब 700 ग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है। यह धनुष अयोध्या स्थित अमावा राम मंदिर द्वारा श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। अयोध्या के अमावा राम मंदिर के ट्रस्टी शायन कुणाल ने कहा, 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला ( भगवान राम ) की प्राण प्रतिष्ठा से पहले हम उन्हें भेंट करने के लिए सोने का धनुष और तीर बनवा रहे हैं। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 19 जनवरी को यह दान कर दिया जाएगा।
 
ढाई किलो होगा वजन
शायन कुणाल ने कहा, धनुष को उसी प्रकार निर्मित करवाया गया है जैसा वाल्मिकी रामायण में उद्धृत है। इसमें विभिन्न तीरों साका भी वर्णन है। पिछले 200 लों से इस क्षेत्र में कार्यरत चेन्नई के कुशल कारीगर समुदाय के कारीगरों द्वारा यहां इस धनुष को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस धनुष को बनाने में 23 कैरेट सोने का उपयोग किया गया है और 2.5 किलोग्राम वजनी धनुष को बनाने में लगभग 600-700 ग्राम सोना इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि धनुष बनाने में लगभग दो महीने का समय लगा है।
 
भेंट किए जाएंगे सोने के खड़ाऊ
वहीं भगवान राम को सोने के खड़ाऊ भेट करने के लिए 64 साल के एक व्यक्ति ने हैदराबाद से अयोध्या के लिए हजारों किलोमीटर की पदयात्रा शुरू कर दी है। चल्ला श्रीनिवास शास्त्री अयोध्या- रामेश्वरम मार्ग से यात्रा कर रहे हैं, जिसे भगवान राम ने 'वनवास' के दौरान अपनाया था। उन्होंने कहा कि वह रास्ते में भगवान द्वारा स्थापित सभी शिवलिंगों के दर्शन करते हुए उल्टे क्रम में यात्रा करना चाहते थे और 20 जुलाई को अपनी यात्रा शुरू की थी। |
 
8000 किमी की तय करेंगे यात्रा
शास्त्री पहले ही ओडिशा में पुरी, महाराष्ट्र में र्त्यंबक और गुजरात में द्वारका जैसे कई स्थानों के दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने सिर पर जूते लेकर लगभग 8,000 किमी की दूरी पैदल तय करेंगे, जिसे वह पवित्र शहर पहुंचने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप देंगे। शास्त्री ने कहा कि वह आयकर विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. रामअवतार द्वारा तैयार किए गए मानचित्र का अनुसरण कर रहे हैं, जिन्होंने उस मार्ग पर 15 वर्षों तक शोध किया है जिसका अनुसरण भगवान राम ने वनवास के दौरान किया था।
 
अपनी यात्रा को लेकर शास्त्री ने कहा, मेरे पिता ने अयोध्या में कारसेवा में भाग लिया था। वह भगवान हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे। उनकी इच्छा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देखने की थी। अब वह नहीं रहे, इसलिए मैंने उनकी इच्छा पूरी करने का निर्णय किया । %% शास्त्री ने कहा कि 2019 में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद राम मंदिर में अपने योगदान के तहत उन्होंने अब तक चांदी की पांच ईंट दान की हैं।
 
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