अयोध्या (एजेंसी)। अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) में लगने वाले द्वारों को स्वर्ण मंडित (gold plated) करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। गर्भगृह में लगने वाले सबसे बड़े द्वार सहित 10 द्वारों की फिटिंग का परीक्षण भी पूरा चुका है। स्वर्ण पत्र जड़ने वाले कारीगरों ने द्वारों की फिटिंग को परखा भी है। अब तक जो द्वार निर्मित हो चुके हैं, उन पर स्वर्ण पत्र जड़ने के लिए सांचा (मोल्डिंग) बनाना प्रारंभ हो गया है।
सांचा बनाने के पहले द्वारों पर नक्काशी की गई है। इन पर हाथी, कमल आदि निर्मित हैं। इसी के बाद सोना लगाने के लिए सांचा बनाया जा रहा है । यह कार्य दिल्ली के चार कारीगर कर रहे हैं। द्वारों को स्वर्ण मंडित करने का कार्य नवंबर में पूरा हो जाएगा। साथ ही इन्हें अंतिम रूप से निर्धारित स्थान पर लगा दिया जाएगा। यहां के सभी द्वार महाराष्ट्र के जंगलों से लाई सागौन की लकड़ी से निर्मित हो रहे हैं। इन्हें हैदराबाद के कारीगर रामसेवकपुरम में बना रहे हैं।
तांबे की परत पर चढ़ेगा सोना
द्वारों पर बन रहे सांचे में पहले तांबे की परत फिट की जाएगी। बाद में इसी पर सोने की परत जड़ी जाएगी। मंदिर के सभी द्वार स्वर्ण मंडित होंगे। कार्यदायी संस्था के एक अधिकारी ने बताया कि राम मंदिर में पहले कुल 42 द्वार लगने थे, पर अब इसमें चार और द्वार लगाए जाएंगे। भूतल में द्वारों की संख्या सर्वाधिक 18 होगी। भूतल पर दो सीढ़ियां बन रही हैं। पाश्र्व में दो-दो द्वार लगाये जाएंगे। जो द्वार निर्मित हो चुके हैं, उन्हें मंदिर में लगाने का परीक्षण कई चरणों में पूरा किया जा रहा है। अंतिम चरण में स्वर्ण जड़ने वाले कारीगर भी मौजूद होते हैं। सोना लगाने के लिए द्वारों पर किस ओर कितनी जगह होनी चाहिए, इसका आकलन बार-बार किया जाता है।