ऋषि पंचमी पर बरसों पुरानी परंपरा का हुआ निर्वहन महिलाओं ने सरवर तीर पर किया तर्पण, घरों में बना मणिचा

21 Sep 2023 12:04:05
 
Rishi Panchami
 
जोधपुर (कासं ) । भाद्रपद शुक्ला पंचमी को जोधपुर (Jodhpur) शहर में ऋषि पंचमी (Rishi Panchami) का पर्व बुधवार को श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। इस दिन जोधपुर में भी बरसों से चली आ रही अनूठी परंपरा का निर्वहन किया गया। श्रीमाली ब्राह्मण समाज की महिलाओं की ओर से सप्त ऋषियों एवं पूर्वजों के प्रति आस्था व्यक्त करने के लिए तर्पण किया गया। इसके तहत ऐतिहासिक चांदपोल के बाद स्थित भूतेश्वर वनकंठ क्षेत्र में मेनका नदी और प्राचीन पदम कर जलाशय की तीर पर पहुंचकर विधि विधान से सप्त ऋषियों, ऋषि पत्नियों के साथ ही ससुराल और पीहर पक्ष की तीन पीढियां के दिवंगत पूर्वजों को याद कर उनके नाम का तर्पण किया गया। तर्पण के बाद महिलाओं ने नीम, आक, पीपल, बोल्टी एवं हाटी- काटी जैसे पवित्र वृक्ष का पूजन कर समाज की बुजुर्ग महिलाओं से ऋषि पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथाओं का श्रवण किया। व्रती महिलाएं घरों में बनाए मणिचा (बिना बोया धान) की खीर बनाकर ऋषियों, ऋषि पत्नियों व अपने और पीहर के सात पीढ़ियों के पूर्वजों को तुरई - काचरे की सब्जी, केर- सांगरी का रायता पितरों को अर्पित कर व्रत का पारणा करेगी। बता दें की इस दिन व्रती महिलाएं सप्त ऋषियों, ऋषि पत्नियों के नाम सगोत्र शास्त्र विधि से तर्पण कर मोक्ष की कामना करती है। इतना ही नहीं पवित्र जलाशयों पर ससुराल व पीहर पक्ष की तीन-तीन पीढ़ियों तक के दिवंगत ज्ञात अज्ञात पूर्वजों को याद करके तर्पण करती है। महिलाएं अपने एक दिन के व्रत का पुण्य फल पूर्वजों को मोक्ष और सद्गति के लिए समर्पित करती है।
 
ऋषि पंचमी के अवसर पर कायस्थ, माहेश्वरी और ब्राह्मण समाज में परंपरागत रूप से रक्षा सूत्र बांधकर उनकी दीर्घायु और सुख समृद्धि की प्रार्थना भी की जाती है।
Powered By Sangraha 9.0