चाकसू में शील की डूंगरी शीतला माता के पद यात्राओं की धूम

22 Aug 2023 13:56:11

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चाकसू (प्रा.सं.)। नगर पालिका क्षेत्र की शील की डूंगरी स्थित प्रसिद्ध शीतला माता (Sheetla Mata) के स्थान पर प्रदेश भर से पद यात्रियों (Trips)  सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालुओं का पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। जयपुर (Jaipur) से महज 45 किलोमीटर दूर चाकसू (Chaksu)  स्थित शीतला माता मंदिर पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ लग रही है। शील की डूंगरी इलाके मेले सा माहौल बना हुआ है। शीतला माता मंदिर (Sheetla Mata temple) तक पहुंचने के लिए जितने रास्ते हैं सभी पर डीजे के साथ नाचते गाते यात्रियों (Trips) की लम्बी कतार आती दिखती है। शीतला माता (Sheetla Mata) की जय के घोष के नारे गूंज रहे हैं। अधिकांश जिलों से शीतला माता  (Sheetla Mata) के यात्राएं (Trips) आ रही हैं।
 
विभिन्न गांवों और कस्बों से पदयात्री डीजे की धुन पर नाचते गाते शीतला माता  (Sheetla Mata) की जय जयकार करते हुए शीतला माता मंदिर  (Sheetla Mata temple) में थोक लगाकर परिवार के सुख समृद्धियों की मनौतिया मांग रहे हैं। पदयात्रा में सैकड़ों पुरुष महिलाएं एवं बच्चे मां शीतला के जयकारे लगाते चल रहे थे। युवक एवं युवतियां डीजे की धुन पर नृत्य करते चल रहे थे । पदयात्रा में काफी संख्या में महिलाएं भी पहुंच रही है जो परंपरागत राजस्थानी माता के भजनों को गाते हुए माता को छाछ - राबड़ी और ठंडे पकवानों का भोग लगा रही है ।
 
गौरतलब है कि पिछले वर्ष गोवंश में फैले लंबी रोग के बाद शीतला माता के प्रति लोगों की आस्था और पद यात्राओं में लगातार वृद्धि हुई है गत दिनों गोवंश में फैल रही जानलेवा बीमारी लंपी ने किसानों एवं पशुपालकों को झकझोर कर रख दिया था देखते देखते हजारों की संख्या में गोमाताओं ने इस बीमारी के प्रकोप से प्राण त्याग दिए । हताश निराश किसानों एवं पशु पालकों ने प्राचीन परम्पराओं, मान्यताओं का सहारा लेते हुए इस लंपी बीमारी को बड़ी माता मानते हुए इसे चेचक का प्रकोप समझते हुए शीतला माता की शरण ली ।
 
लोगों का कहना है कि जीवन मे पहली बार शीतला माता के प्रति लोगों की आस्था, विश्वास देखने को मिल रहा है। मंदिर शीतला (Sheetla Mata) माता ट्रस्ट एवं नगर पालिका के साथ पुलिस प्रशासन यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने में लगा हुआ है क्योंकि यात्राएं रात दिन आ रही हैं। चढ़ावे के रूप में आ रहे अन्न का सदुपयोग करने के लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा गो शालाओं में गो माता के लिए व मंदिरों में पक्षियों के लिए भेज जा रहा है।
पैदल यात्रियों के स्वागत सत्कार के लिए जगह जगह विश्राम की व्यवस्था की जा रही है। लोगों का मानना है कि शीतला माता (Sheetla Mata) की कृपा से उसके चरणामृत (चपडाव ) से आशातीत लाभ मिला है।
 
चाकसू निवासी नाथू लाल माली, शंकर सैनी सहित ग्रामीणों का कहना है कि गायों में फैली लंपी बीमारी में कुछ हद तक लाभ मिला है. जिसके चलते माता के मंदिर में हजारों की संख्या में यात्री उमड़ रहे हैं. राजस्थान ही नहीं अन्य प्रदेशों से भी लोग माता के दर्शन के लिए आ रहे हैं। इतना माता धार्मिक नगरी के रूप में जाने जाने की ओर अग्रसर है शीतला माता मंदिर के पुजारी लक्ष्मण प्रजापति का कहना है कि करीब डेढ़ महीने से रोजाना पद यात्राएं आ रही हैं. उनका कहना है गो माता में फैली लंपी बीमारी का डॉक्टर्स से भी पूर्ण रूप से इलाज नहीं हो रहा है लेकिन शीतल से श्रद्धालु माताजी का चरणामृत (चपडाव) ले जाकर गो वंश में लगाने से लंपी बीमारी में लाभ हो रहा है. जिसके चलते रोजाना हजारों की संख्या में दूर दूर से श्रद्धालु शीतला माता  (Sheetla Mata) के दरबार में मन्नत मांगने आ रहे हैं।
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