मुंबई : केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने सत्यापन हेतु जियोटैगिंग के इस्तेमाल के जरिये गुड्स एवं सर्विसेस टैक्स रजिस्ट्रेशन (Services Tax Registration) की प्रक्रिया को और मजबूत करने की दिशा में पहलकदमी की है। बोर्ड मौजूदा रजिस्ट्रेशन्स जो कि संदिग्ध हैं या जोखिमभरे नजर आ रहे हैं, उनके लिये बायोमैट्रिक प्रमाणन के उपयोग की योजना भी बना रहा है। पहले देखा जाता रहा है कि केवल प्रमाणन के लिये ही कार्यालय की जगह दिखाई जाती थी और बाद में वहां कोई कार्यालय नहीं होता था। इस घपले को रोकने के लिये हर संस्था के कार्यालय की जियोटैगिंग लोकेशन अनिवार्य कर दी जायेगी। बोर्ड ने पहले ही कुछ चरणों में सटीक स्थान हेतु पते की जियोटैगिंग की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कर दी गई है। जियोटैगिंग को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है और फिलवक्त यह केवल दिल्ली और हरियाणा में पंजीकृत टैक्सपेयर्स को ही उपलब्ध है। बोर्ड के चेयरमैन विवेक जोहरी ने बताया कि पायलट पूरा होने जाने के बाद इसकी रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल में जमा की जायेगी ताकि काउंसिल की मंजूरी के बाद इसे अनिवार्य कर दिया जाये। गुड्स एवं सर्विसेस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) भारत में जीएसटी सिस्टम का प्रौद्योगिकी के तौर पर मुख्य आधार है। जीएसटीएन ने मार्च में ही जीएसटी पोर्टल पर इसे पेश कर दिया है। सीबीआईसी चेयरमैन के मुताबिक, पहले ही जो रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं और जो संदिग्ध नजर आ रहे हैं, उनके लिये बायोमैट्रिक प्रमाणन का उपयोग किया जा सकता है। मौजूदा वक्त में अधिकारी आधार और पैन के उपयोग के जरिये ओटीपी आधारित प्रमाणन के जरिये व्यक्ति की पहचान स्थापित की जाती है। जोहरी का कहना है कि बायोमैट्रिक प्रमाणन की ओर रूख किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जासके कि जिसका आधार कार्ड उपयोग किया जा रहा है, असल में रजिस्ट्रेशन अंतर्गत व्यक्ति वही है। दरअसल 16 मई से फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन के खिलाफ अभियान शुरू है जिसमें बड़े पैमाने पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिये फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड के इस्तेमाल का खुलासा हुआ है। डाटा एनालिटिक्स के जरिये करीब 60 हजार संदिग्ध जीएसटी रजिस्ट्रेशन्स का पर्दाफाश हुआ है। इनमें से 50 हजार से ज्यादा मामलों में सत्यापन प्रक्रिया पूरी की गई थी और बावजूद इसके 25 फीसदी जीएसटी रजिस्ट्रेशन्स फर्जी अब पाये गये हैं। अभियान के दौरान 3 हजार करोड़ की वसूली की गई है। जोहरी ने चेतावनी देते हुये कहा है कि टैक्सचोरों और घपलेबाजों को बख्शा नहीं जायेगा और एक ईमानदार और साफ-सुधरा टैक्सपेयर आधार तैयार किया जायेगा।