जयपुर : राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) ने कहा है कि स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान (Sacrifice) की गाथाएं हमें प्रेरणा देने के साथ ही राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित होने के लिए जागरूक भी करती है। उन्होंने आजादी आंदोलन के गुमनाम शहीदों के बारे में लिखे साहित्य, नाटक और अन्य कार्यों से नई पीढ़ी को अधिकाधिक जोड़ने का आह्वान किया है। राज्यपाल मिश्र बुधवार को रविन्द्र रंगमंच मे करणी इन्द्र सेवा समिति, जयपुर (Jaipur) द्वारा आयोजित अमर स्वाधीनता सेनानी कुंवर प्रताप सिंह बारहठ के जयंती समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के स्वाधीनता सेनानियों की वीरता और साहस अद्भुत था, तमाम यातनाएं और प्रलोभन भी उन्हें मातृभूमिकों के प्रति अपने लक्ष्य से डिगा नहीं सके।
राज्यपाल ने कुंवर प्रताप सिंह बारहठ (Governor Kunwar Pratap Singh Barhath) सहित सभी स्वाधीनता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि राजस्थान का कण-कण अमर बलिदानियों के शौर्य, साहस, त्याग और बलिदान के लिए जाता है।
उन्होंने कहा कि कुंवर प्रतापसिंह बारहठ का पूरा परिवार महान क्रांतिकारी परिवार था ऐसा उदाहरण अन्यत्र शायद ही मिले जहां स्वाधीनता के लिए हुई क्रांति में परिजनों सहित किसी ने देश के लिए इस तरह का अनूठा त्याग किया है।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि कुंवर प्रतापसिंह के पिता प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी केसरी सिंह बारहठ चाहते तो अपनी रियासत में ऐशोआराम का जीवन जी सकते थे। पर उन्होंने पराधीनता की पीड़ा को अनुभूत किया और क्रांति में अपना सारा सुख-वैभव होम कर दिया। उन्होंने कहा कि केसरीसिंह बारहठ ने अपने भाई जोरावरसिंह बारहठ, पुत्र प्रतापसिंह बारहठ व जामाता ईश्वरदास आसिया को भी विशेष रूप से क्रांतिकारी कार्यों में भाग लेने के लिए भेजा था।
राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर कुंवर प्रतापसिंह बारहठ के प्रपौत्र विशाल सिंह, उनके जामाता ईश्वरदास आसिया के परिजन सुखदेव सिंह आसिया सहित देशभर से पधाए स्वतंत्रता सेनानी परिजनों को सम्मानित भी किया।