मुम्बई । आचार्य महाश्रमण (Acharya Mahashraman) का 62वां जन्मदिवस एवं 14वां पदाभिषेक दिवस अंधेरी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समारोह में साध्वी निर्वाणश्री ने कहा कि आचार्य महाश्रमण का जीवन प्रारंभ से ही विलक्षण रहा है। बाल्यकाल से ही मुनि मुदित साधना के उच्च पायदानों पर आरूढ़ होते रहे हैं। उनकी जीवन यात्रा मोहन से मुदित, मुदित से महाश्रमण और पुन: युवाचार्य व आचार्य पद के अभिराम पथ पर गतिमान है। साध्वी डा. योगक्षेमप्रभा ने कहा कि आचार्य महाश्रमण अतिशायी महापुरुष हैं। उनका जन्म मानव कल्याण व जिनशासन की प्रभावना के लिए हुआ है। साध्वी मधुरप्रभा ने अमृत अर्चना के माध्यम से मंगलाचरण किया। चातुर्मास व्यवस्था समिति के मुख्य प्रबंधक मनोहर गोखरु ने विचार व्यक्त किए। साध्वी लावण्यप्रभा, साध्वी कुंदनयशा, साध्वी मुदितप्रभा व साध्वी मधुर प्रभा ने सुरंगो रंग छायो गीत की प्रस्तुति दी। प्रवास व्यवस्था समिति के कुलदीप बैद, हेमंत लोढ़ा ने भी विचार रखे।