मुंबई । आचार्य महाश्रमण (Acharya Mahashraman) का मुंबई (Mumbai) चातुर्मास ऐतिहासिक होगा, इसकी एक झलक ठाणे तेरापंथ भवन (Thane Terapanth Bhavan) में देखने को मिली। यहाँ साध्वियों के 5 सिंघाड़े, 22 साध्वियों का आध्यात्मिक मिलन हुआ। शासनश्री साध्वी चंदनबाला एवं साध्वी राकेशकुमारी ठाणे में प्रवास करि रही हैं। साध्वी पीयूषप्रभा कानपुर चातुर्मास पूर्ण कर भवन पहुंचे। साध्वी काव्यलता मुलुंड से व साध्वी डॉ पीयूषप्रभा का दो दिन पहले भवन में स्वागत किया व आज साध्वी मधुस्मिता बीड़ चातुर्मास के उपरांत ठाणे भवन आये। रैली के साथ साध्वी मधुस्मिता का प्रवेश हुआ। साध्वियों ने गीतिका के साथ उनका स्वागत किया। महिला मंडल के मंगल गीत के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। तेरापंथी सभा ठाणे के अध्यक्ष रमेश सोनी ने स्वागत किया। विहार यात्रा संयोजक विनोद कोठारी ने विचार रखे। साध्वी चन्दनबाला ने थोड़े में बहुत कुछ कहा। साध्वी राकेश कुमारी ने कहा कि कहा खून का रिश्ता हो न हो, गण का अनुबंध बहुत प्रगाढ़ है। साध्वी काव्यलता ने कहा कि मिलन में यह आत्मीयभाव, अहोभाव, स्नेहभाव, प्रमोदभाव सिर्फ तेरापंथ धर्मसंघ में ही देखा जा सकता है। साध्वी डॉ. पीयूष प्रभा ने कहा कि ठाणे की धरती पुलकित हो रही है। साध्वी मधुस्मिता का व्यक्तित्व सरल, स्वाध्यायी और संघ प्रभावना में प्रयास करने वाला है। साध्वी राजश्री ने कहा कि ठाणे में चार माह से लगातार साध्वियों की आवाजाही हो रही है। साध्वी मधुस्मिता ने कहा कि बड़ों की छत्रछाया में पहुंच तृप्ति और संतुष्टि का अनुभव हो रहा है। साध्वी सहजयशा ने विचार रखे। अणुव्रत समिति मुम्बई से रोशन मेहता, राकेश टुकलिया, ठाणे सभा मंत्री नरेश बाफना ने विचार रखे। भिक्षु महाप्रज्ञ ट्रस्ट अध्यक्ष निर्मल श्रीश्रीमाल, चातुर्मास व्यवस्था समिति उपाध्यक्ष विजय संचेती, विजयराज सोलंकी, जितेंद्र बरलोटा उपस्थित थे। संचालन साध्वी विपुलयशा ने किया।