मुंबई । तेरापंथी सभा मुम्बई (Terapanthi Sabha Mumbai) के आध्यात्मिक उपक्रम "शिखर:उत्कर्ष" के तहत उत्कर्ष दीक्षांत समारोह शासनश्री साध्वी विद्यावती द्वितीय ठाणा- 5 एवं समणी निर्देशिका संचितप्रज्ञा समणी सुमनप्रज्ञा के सानिध्य में तेरापंथ भवन कांदिवली में आयोजित किया गया। इसमें उत्कर्ष में भाग लेने वाले 600 लोगों को सर्टिफिकेट एवं बैज प्रदान कर सम्मानित किया गया।
साध्वीवृन्द के नमस्कार महामंत्र से शुरु कार्यक्रम में साध्वी प्रियंवदा ने कहा कि उत्थान एवं उत्कर्ष उपक्रम सम्पादित करने का काम जिन लोगों ने किया है वे सिर्फ गुरुदेव की यात्रा तक नहीं बल्कि उसके बाद भी याद किए जाएँगे। उत्कर्ष यात्रा हर जगह होनी चाहिए ताकि सभी क्षेत्रों के लोगों को इसका लाभ मिल सके। समणी संचितप्रज्ञा ने उत्कर्ष को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। स्वागत वक्तव्य में सभा के कार्याध्यक्ष ने उत्कर्ष के पदाधिकारियों द्वारा किये श्रम की प्रशंसा की।
उत्कर्ष संयोजक ने शुरुआत से लेकर इसके कार्यान्वयन व उत्कर्ष: शिखर तक की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुनि महेन्द्र कुमार, मुनि अजीतकुमार, मुनि जम्बूकुमार, मुनि अभिजीत कुमार, मुनि जागृतकुमार, मुनि सिद्धकुमार एवं इससे जुड़े साधु- साध्वियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। फाउंडेशन अध्यक्ष ने उत्कर्ष की टीम का स्वागत किया। कार्यक्रम में सभी संघीय संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं उत्कर्ष के परीक्षकों द्वारा स्वागत किया गया।
आगम मनीषी मुनि महेंद्रकुमार स्वामी का यह आखिरी आयाम था, जो उनके सहवर्ती संत मुनि सिद्धकुमार के निर्देशन में चल रहा था। उत्कर्ष संयोजक के निर्देशन में उत्कर्ष टीम का योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन उत्कर्ष टीम ने किया।