अटल-आडवाणी वाले नारे में क्यों नहीं होते थे जोशी ?

30 Mar 2023 12:23:07


Why was Joshi not included in the slogans of Atal-Advani?
 
नई दिल्ली : भाजपा (BJP) के केंद्रीय कार्यालय (Central office) विस्तार के कार्यक्रम में मंगलवार शाम की एक तस्वीर चर्चा में है। नई दिल्ली (New Delhi) के इस इवेंट (Event) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी मौजूद थे। सोशल मीडिया (Social Media) पर वीडियो शेयर हो रहे हैं। आमतौर पर प्रधानमंत्री के भाषण के बाद उनके वीडियो के हिस्से शेयर किए जाते हैं लेकिन दीप प्रज्वलन (Lighting of lamp) की तस्वीर में ऐसा क्या है, जो वायरल हो रही है। मंच पर दीप के एक तरफ प्र.म. मोदी और दूसरी तरफ गृह मंत्री अमित शाह दिखाई देते हैं। बीच में भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) खड़े होते हैं। मंत्र की ध्वनि गूंजने लगती हैं और प्रधानमंत्री (Prime Minister) हाथ बांधे खड़े रहते हैं। वह चाहते थे कि भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी अपने हाथों से दीप जलाएं। लेकिन जोशी उन्हें भी हाथ लगाने के लिए कहने लगते हैं। प्र.म. मुस्कुराते हैं, सिर हिलाते हैं और जब हाथ नहीं बढ़ाया तो जोशी ने खुद उनके हाथ पकड़ लिए। इसके बाद प्रधानमंत्री ने जोशी का हाथ पकड़ा और दीप प्रज्वलित किया । वहां मौजूद लोग इस दृश्य को देखते रहे। कुछ ही देर में वीडियो सोशल मीडिया पर आ गया। इस दृश्य को देख लोगों को अटल-आडवाणी का वो दौर याद आ गया, जब भाजपा (BJP) की त्रिमूर्ति में होने के बाद भी जोशी का नाम नहीं गूंजता था । इसका कारण खुद अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने बताया था।
 
राहुल का वीडियो निकाल लाए भाजपाई
 
गुजरात भाजपा के एक नेता ने लिखा, प्रधानमंत्री ने मुरली मनोहर जोशी जी से आग्रह करके दीप प्रज्वलित करवाया और जोशी जी ने जबरदस्ती मोदी जी का हाथ अपने हाथ में लिया। यहां छोटे बड़ों का आदर करते हैं और बड़े छोटों से प्यार । ये हैं भाजपा के संस्कार । भाजपा के नेता इस वीडियो की तुलना कांग्रेस और उसके संस्कार से करने लगे । संबित पात्रा ने लिखा, भाजपा के संस्कार। भाजपा के कुछ नेता भाजपा लीडरशिप (BJP leadership) बनाम कांग्रेस लीडरशिप की वीडियो से तुलना भी करने लगे। कांग्रेस पार्टी के जिस वीडियो को भाजपा के नेता उछाल रहे थे उसमें मंच पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun kharge) के साथ खड़े दिखते हैं और झट से बैठ जाते हैं। वीडियो को इसके बाद स्लो मोड में किया गया है और कुछ पल के बाद खरगे बैठते दिखते हैं। भाजपा के समर्थक वीडियो शेयर करने लगे तो कांग्रेस के लोग भी विरोध में कुछ वीडियो निकाल लाए।
 
नारों में क्यों नहीं होता था जोशी का नाम ?
 
खैर, मुरली मनोहर जोशी (89) सक्रिय राजनीति (Politics) से दूर हैं। पिछले कुछ घंटों से ट्विटर पर उनकी चर्चा चली है तो लोगों को भाजपा की त्रिमूर्ति याद आने लगी। एक दशक पहले तक भाजपा का मतलब अटल-आडवाणी (Atal-Advani) और मनोहर हुआ करता था । हालांकि नारों में अटल और आडवाणी ही होते थे । इसका बड़ा दिलचस्प जवाब 1996 के चर्चित वीडियो इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने दिया था। जब अटल से सवाल किया गया कि भाजपा में केवल अटल और आडवाणी को प्रमोट किया जाता है, इस डुओ को ट्रियो यानी अटल-आडवाणी और जोशी में बदलने नहीं दे रहे हैं? वाजपेयी ने मुस्कुराते हुए कहा था, तीन नाम एक साथ जोड़ने पर नारा ठीक नहीं बनता है। नारा लगाने में कठिनाई होती है इसलिए नहीं जोड़ा जाता जोशी (Joshi) जी को । जोशीजी त्रिमूर्ति में तो हैं ही । जब सवाल किया गया कि त्रिमूर्ति मानते हैं कि अब बन गई तो अटल ने ठहाका लगाते हुए कहा था कि बन गई नहीं, त्रिमूर्ति है। आप लोगों ने (मीडिया) बना रखी है।
 
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