कृषि विश्वविद्यालय का षष्ठम दीक्षांत समारोह आयोजित

कृषि विश्वविद्यालय किसान हित की योजनाओं को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाऐं: कलराज मिश्र

Pratahkal    14-Mar-2023
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Agricultural University
 
जयपुर : राज्यपाल (Governor) एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने प्रसार शिक्षा के अंतर्गत कृषि विश्वविद्यालयों (Agricultural University) द्वारा किसानों के लिए हितकर योजनाओं को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने के साथ आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के प्रसार केन्द्र के रूप में मा भी अपनी प्रभावी भूमिका निभाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा की कृषि से जुड़ी बहुआयामी शिक्षा का अधिकाधिक उपयोग मानवता के कल्याण के लिए करते हुए किसानों को फसल विविधिकरण एवं जैविक खेती की ओर प्रेरित करें।
 
राज्यपाल सोमवार को यूआईटी (UIT) ऑडिटोरियम में आयोजित कृषि विश्वविद्यालय (Agricultural University) के षष्ठम दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित जनसमुह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अर्जित ज्ञान को जीवन व्यवहार में उपयोग में लेकर जमीन व पानी की कमी, जलवायु परिवर्तन एवं कृषि लागत में बढ़ोतरी जैसी कृषि चुनौतियों को दूर करने में काम लें। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में जैविक खेती के क्षेत्र में आगे है, एक सर्वे के अनुसार 2021-22 तक जैविक खेती के तहत 44.3 लाख और 59.1 लाख हेक्टेयर रकबा लाया गया है। उन्होंने कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती रसायन और कीटनाशक मुक्त खाद्यान्न और फसलें उपलब्ध कराकर जमीन के स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर पर्यावरणीय प्रदूषण (Environmental pollution) भी कम करते है ।
 
राज्यपाल ने कहा कि कृषि क्षेत्र की बहुत सारी चुनौतियों के बावजूद यह महत्वपूर्ण है कि देश में कृषि (Agricultural) क्षेत्र का पिछले कुछ समय के दौरान तेजी से विकास (Development) हुआ है। कृषि उत्पादों के सकल निर्यातक के रूप में देष की नई पहचान बनी है। उन्होंने कहा कि देश का वर्ष 2021-22 का कृषि निर्यात 50.2 बिलियन अमरीकी डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है, कृषि क्षेत्र की हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि से जुड़े क्षेत्र में सतत अनुसंधान विकास कर रोजगारोन्मुखी दक्षता बढ़ाने के लिए भी कार्य करे जिससे युवाओं का कृषि की ओर रूझान बढ़ सके ।
 
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि पोषण की समस्याओं से निजात पाने के लिए भारतीय पहल पर आज पूरी दुनिया मोटे अनाज की तरफ वापस लौट रही है। ये फसलें वर्तमान कृषि चुनौतियों जैसे कम उपजाऊ जमीन, कम पानी, पोषण सुरक्षा एवं जलवायु परिर्वतन को सहने में भी कारगर साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय (University) इस ओर विशेष रूचि लेकर कार्य कर ऐसे प्रयास करे कि मोटे अनाज से जुड़े उत्पादन के प्रसंस्करण और विपणन के लिए भी नवीनतम दिशा देश को मिल सके। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे नवाचारों की सराहना करते हुए अधिकाधिक लोगों तह पहुचाने का आव्हान किया।
 
छात्राओं का वर्चस्व सुखद पहलू
 
राज्यपाल ने कृषि शिक्षा में छात्राओं की बढ़ती संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दीक्षान्त समारोह में 527 उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में से कुल 23 स्वर्ण पदक प्रदान किये गये हैं, जिनमें से 13 स्वर्ण पदक छात्राओं ने प्राप्त किये हैं, यह बहुत सुखद पहलू है। छात्राओं को यदि अवसर मिलते हैं तो वे उन्नति के शिखर छू सकती हैं। उन्होंने कहा कि छात्राओं को आगे बढ़ने के अधिक से अधिक अवसर कैसे मिले, इस पर सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।

दलहन की नई किस्मों का लोकार्पण

राज्यपाल मिश्र ने विश्वविद्यालय द्वारा क्रियाशील अनुसंधान परियोजनाओं के अंतर्गत चना व उड़द फसलों की 2 नई उन्नत किस्मों का लोकार्पण किया। समारोह में उन्होंने विश्वविद्यालय की नवनिर्मित ट्राइकोडर्मा प्रयोगशाला का लोकार्पण एवं शिक्षा प्रसार के लिए दो पुस्तिकाओं का लोकार्पण किया।