मालीगांव । रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने माल विनिर्माण क्षेत्र (व्यापार) की सफलता के लिए गुरूवार को नई दिल्ली (New Delhi) में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया, जिसने देश में सेवा क्षेत्र के निर्यात को पहली बार पछाड़ा। उन्होंने कहा कि इस पहल को वर्ष 2014 में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा "मेक इन इंडिया" (Make in India) योजना थीम के तहत लागू किया गया था, जो बड़े पैमाने पर सफल रही।
रेल (Rail) मंत्री ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में निर्यात 762 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। वस्तुओं (व्यापार) का निर्यात 453 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जबकि सेवाओं का निर्यात 309 बिलियन डॉलर का है और देश जल्द ही एक ट्रिलियन डॉलर के निर्यात तक पहुंच जाएगा। उन्होंने मोबाइल फोन के निर्यात के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह "मेक इन इंडिया" योजना की पहल के कारण समग्र राष्ट्रीय निर्यात में 4वें स्थान पर पहुंच गया है, जो विनिर्माण प्रक्रिया के विकास की दिशा में आधार के रूप में है। उन्होंने कहा कि देश ने पिछले वित्त वर्ष में 11 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के मोबाइल फोनों का निर्यात किया है और जल्द ही मोबाइल फोनों के निर्यात में भी शीर्ष दो स्थानों में पहुंच जाएगा।
प्रधानमंत्री ने देश में विनिर्माण क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के लिए "मेक इन इंडिया" पहल शुरू की है। इस प्रकार, इस प्रयास और दृष्टिकोण के साथ, जो पहले से ही जापान और दक्षिण कोरिया जैसी अर्थव्यवस्थाओं के लिए काम कर चुका है, उनके शुरुआती विकास और विकासशील चरण के दौरान, यह हमारे राष्ट्र के लिए भी आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में प्रगति की कहानी बनेगी। वास्तव में, सफलता की कहानी पहले ही शुरू हो चुकी है क्योंकि विनिर्माण क्षेत्र की सफलता के साथ प्रति वर्ष 1.80 करोड़ रोजगार उत्पन्न हो रहे हैं, जो 2 करोड़ रोजगार सृजन करने के लक्ष्य को लगभग हासिल किया गया है।