जयपुर ( कासं ) । श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi) हत्याकांड में बड़ा एक्शन लिया गया है। इस मामले में आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। लेकिन पुलिस ने मामले यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मामले में दर्ज एफआईआर में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी का भी जिक्र है । इन पर सुरक्षा मुहैया कराने में लापरवाही बरतने का आरोप है।
एफआईआर में दावा किया गया है कि गोगामेड़ी की सुरक्षा की मांग को लेकर तीन बार - 24 फरवरी, एक मार्च और 25 मार्च को राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा गया था। लेकिन उन्हें जानबूझकर सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। यह एफआईआर गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत ने दर्ज कराई है।
एफआईआर में पत्नी ने दावा किया है कि 14 फरवरी 2023 को पंजाब पुलिस ने राजस्थान के डीजीपी को पत्र लिखकर बताया था कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रची जा रही है। इसके बाद 14 मार्च 2023 को एटीएस जयपुर ने एडीजीपी
(इंटेलिजेंस) को भी इसकी जानकारी दी थी। पत्नी ने आरोप लगाया है कि इतने सारे इनपुट मिलने के बावजूद जानबूझकर सीएम गहलोत और डीजीपी समेत जिम्मेदार अधिकारियों ने गोगामेड़ी को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। एफआईआर में पत्नी ने आरोप लगाया है कि 5 दिसंबर की दोपहर को प्लानिंग के तहत हथियारबंद लोग उनके पति सुखदेव सिंह गोगामेड़ी से मिलने के बहाने आए थे। दोनों हमलावर आपस में रोहित राठौड़ और नितिन फौजी नाम से पुकार रहे थे । कुछ देर बाद उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस फायरिंग में गोगामेड़ी और नवीन शेखावत की मौत हो गई।
क्यों लगा है यूएपीए ? : एफआईआर के मुताबिक, गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी रोहित गोदारा ने ली है, जो विदेश में कहीं छिपा बैठा है। इस घटना में संपत नेहरा और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आ रहा है। पत्नी ने आरोप लगाया है कि इस हत्याकांड में विदेश के आतंकवादियों की एक लंबी चेन है, जिसकी गहरी जांच जरूरी है। बता दें कि जयपुर में मंगलवार को दो हमलावरों ने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर में घुसकर उन पर गोलियां चला दी थी। पुलिस के 'अनुसार गोली लगने से घायल गोगामेड़ी की बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना के दौरान हमलावरों ने अपने साथ आए नवीन शेखावत को भी गोली मार दी और घर में मौजूद एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। हमले की जिम्मेदारी रोहित गोदारा गैंग ने ली है।
क्या है यूएपीए ? : यूएपीए आतंकवाद विरोधी कानून है। किसी मामले में अगर आतंकवादी कृत्य
की आशंका होती है तब यूएपीए लगाया जाता है। आतंकवादी और देश की अखंडता संप्रभुता को खतरा पहुंचाने वाली ताकतों को रोकने के लिए ये कानून लाया गया था। ये कानून संसद में 1967 में पास हुआ था और उसके बाद से इसमें कई संशोधन हो चुके हैं। इसके तहत आरोपी को कम से कम 7 साल तक की कैद हो सकती है।