कार्यालय संवाददाता उदयपुर । विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के नतीजों में एक बार फिर मेवाड़ (Mewar) के वोटरों ने केसरिया परचम फहरा कर राजस्थान (Rajasthan) में भाजपा (BJP) की राजसत्ता का मार्ग प्रशस्त कर दिया और फिर उस कहावत को चरितार्थ कर दिया कि जो मेवाड़ को जीतता है, सरकार उसी की बनती है। भाजपा ने मेवाड़ और वागड़ में कुल मिलाकर 17 सीटें जीतीं तो कांग्रेस ने 7, बीएपी ने 3 और 1 सीट निर्दलीय के खाते में गई। इस बार कई दिग्गज धराशायी हुए जिनमें कांग्रेस के विधानसभाध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी नाथद्वारा से मेवाड़ राजघराने के विश्वराजसिंह के हाथों मात खा गए तो निम्बाहेड़ा में मंत्री उदयलाल आंजना अपने चिर प्रतिद्वंद्वी भाजपा के श्रीचंद कृपलानी से चुनाव हार गए। इसी प्रकार सलूंबर से पूर्व सांसद रघुवीर मीणा चुनाव हार गए। उन्हें भाजपा के अमृतलाल मीणा ने हराया। चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा के बागी निर्दलीय चंद्रभानसिंह आक्या ने भाजपा के प्रत्याशी नरपतसिंह राजवी की जमानत जब्त करवा दी। मावली में मुकाबला कांटे का रहा और भाजपा के बागी की वजह से कांग्रेस (Congress) के पुष्करलाल डांगी ने केवल 1567 वोटों से जीत हासिल कर ली।
वल्लभनगर सीट से इस बार मुकावला त्रिकोणीय था जिसमें आरएलपी को छोड़ कर भाजपा में आए उदयलाल डांगी ने पिछली हार का बदला लेते हुए शानदार जीत दर्ज की। यहां कांग्रेस दूसरे व जनता सेना तीसरे स्थान पर रही। खेरवाड़ा सीट पर इस बार भी त्रिकोणीय मुकाबले में फायदा कांग्रेस को मिला व विधायक दयाराम परमार जीत गए। बड़ी सादड़ी में प्रकाश चौधरी का टिकट काटना कांग्रेस को भारी पड़ा व भितरघात की वजह से बाजी भाजपा के गौतम दक के नाम रही। बेगू में कांग्रेस के दो बार के विधायक राजेंद्रसिंह बिधूड़ी के युग का समापन हो गया, उन्हें डॉ. सुरेश धाकड़ ने 50 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी। कपासन सीट पर भाजपा के अर्जुनलाल जीनगर जीते, यहां पर कांग्रेस के बागी व आरएलपी से लड़ रहे आनंदीराम कांग्रेस के शंकरलाल बैरवा से ज्यादा वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे।