जयपुर (कार्यालय संवाददाता)। कांग्रेस ने हार के बाद म.प्र. और छत्तीसगढ़ में बदलाव के अब राजस्थान की बारी है। जल्द ही नेता प्रतिपक्ष और पीसीसी चीफ के नाम की घोषण हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी का फोकस जाट, गुर्जर और मीणा वोट बैंक पर रहेगा। क्योंकि हाल ही में सपन्न हुए चुनाव में तीनों ही जातियों में कांग्रेस का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा है। शेखावटी और पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है। कांग्रेस को मेवाड़ और मारवाड़ में करारी हार का सामना करना पड़ा है। सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी एक बार फिर सचिन पायलट के पीसीसी चीफ बना सकती है। जबकि नेता प्रतिपक्ष की रेस में हरीश चौधरी, महेंद्र जीत सिंह मालवीया और रामकेश मीणा हो सकते है। जबकि पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा का हटाया जा सकता है।
संभावना यह भी है कि डोटासरा या हरीश चौधरी में किसी एक को नेता प्रतिपक्ष बना दिया जाए।
सचिन पायलट बन सकते है पीसीसी चीफ
सियासी जानकारों का कहना है कि सचिन पायलट की जब कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गयो तो वह कांग्रेस को 21 से 99 सीटों पर पहुंचा दिया। माना जा रहा है कि पार्टी इस बार भी पायलट पर दांव खेल सकती है। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में भी पार्टी को इस तरह की हार की उम्मीद नहीं थी। अब लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन में अहम बदलाव करने को तैयार है। ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस अपने संगठन और विधानसभा में मजबूत नेतृत्व देने के लिहाज से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर जल्द बदलाव कर सकती है।
जाट, गुर्जर और मीणा समाज पर फोकस
इस बात की भी चर्चा है कि अभिमन्यु पूनिया को यूथ कांग्रेस की कमान देकर आलाकमान ने सचिन पायलट की ओर बदले हुए रूख का इशारा दे दिया है। ऐसे में इस बार गहलोत गुट की जगह सचिन पायलट के चेहरे को पार्टी प्रमुखता दे सकती है। यदि पायलट के रूप में ओबीसी नेता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष या कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाते हैं, तो फिर एक चेहरा ब्राह्मण कार्ड के रूप में भी कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले अपनी रणनीति के हिस्से में रख सकती है। जिस तरह से भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे को तवज्जो देखकर सवर्ण जातियों को साधने का प्रयास किया और भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया, उसके बाद लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस किसी मीणा को भी बड़ी जिम्मेदारा दे सकती है। क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक मीणा समुदाय माना जाता है। कांग्रेस ब्राह्मण चेहेरे के तौर पर सीपी जोशी को कांग्रेस अध्यक्ष बना चुकी है। लेकिन मीणा समाज के किसी विधायक को बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है।