राजस्थान की राजनीति में हाशिए में ब्राह्मण

कांग्रेस-भाजपा ने टिकट देने में दिखाई कंजूसी

Pratahkal    09-Nov-2023
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Brahmins 
 
जयपुर ( कार्यालय संवाददाता)। राजस्थान (rajasthan) की राजनीति में ब्राह्मण (Brahmins) हाशिए पर है। कांग्रेस-भाजपा (congress-bjp) ने टिकट देने में कंजूसी बरती है। कांग्रेस ने 200 विधानसभा सीटों (vidhansabha sit) में कांग्रेस ने 16 तो भाजपा ने 20 टिकट दिए है। पूर्व सीएम हरदेव जोशी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं। कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक माना जाता था। लेकिन राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) के बाद यह वोट भाजपा की तरफ शिफ्ट हो गया। भाजपा ने भी इस बार ब्राह्मणों को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है राजस्थान में ब्राह्मण राजनीति हाशिए पर है। दोनों ही दलों ने आबादी के हिसाब से टिकट नहीं दिए है।
 
राजस्थान में हरदेव जोशी (Hardev Joshi) के जमाने में ब्राह्मण कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता था। लेकिन उनके निधन के बाद ब्राह्मण कांग्रेस से छिटक गए है राम मंदिर आंदोलन के बाद पूरी तरह से भाजपा में शिफ्ट हो गया। हरदेव जोशी मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचे है। लेकिन दोनों ही दलों को ब्राह्मणों को उचित संख्या में टिकट नहीं दिया है। दोनों दलों का फोकस जाट और एससी- एसटी वोटर्स पर है। कांग्रेस ने राजपूत ( Rajput) 17 ब्राह्मण (Brahmin) 16, वैश्य (Vaishya)11, गुर्जर (Gurjar)11 और 27 टिकट महिलाओं को दिए है। जबकि भाजपा ने इस बार अपने कोर वोट बैंक यानी राजपूतों को कम टिकट दिए है। भाजपा ने राजपूत 25 ब्राह्मण 20, वैश्य 11, गुर्जर 10 और 20 महिलाओं को टिकट दिया है।
 
राजस्थान में हाशिए पर ब्राह्मण राजनीति
 
राजस्थान विधानसभा चुनाव (vidhansabha election) के लिए कांग्रेस ने ओबीसी (OBC) और आदिवासियों खेला है। टिकट बंटवारे में जातिगत समीकरणों का पूरा ध्यान रखा है। कांग्रेस ने 36 जाट, 33 एसटी, 34 एससी और 15 टिकट मुसलमानों को दिए है जबकि भाजपा ने 33 जाट, एसटी 30 और एससी को 34 टिकट दिए है। मुसलमानों को एक भी टिकट नहीं दिया है। भाजपा ने हिंदुत्व कार्ड खेला है। 200 में से एक भी मुसलमान को नहीं उतारा है। यही नहीं मुस्लिम होने की आशंका के चलते अजमेर की मसूदा से भी टिकट वापस ले लिया। जबकि विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा ने अंतिम समय में युनूस खान को सचिन पायलट के खिलाफ उतारा था। युनूस खान को इस बार टिकट नहीं दिया। उन्होंने भाजपा छोड़ दी है। बता दें राजस्थान में ब्राह्मणों की आबादी 85 लाख से ज्यादा है। यह आबादी 50 सीटों पर सीधा असर डालती है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2018 में 200 में से 18 विधायक जीत कर आए थे ।
 
कांग्रेस में कभी था वर्चस्व
 
राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस में कभी ब्राह्मणों के हाथ में सत्ता हुआ करती थी। हरदेव जोशी और जयनारायण व्यास जैसे दिग्गज नेता कांग्रेस ने ही दिए है। लेकिन दोनों के निधन के बाद कांग्रेस में ब्राह्मण हाशिए पर चले गए। जबकि भाजपा राजपूतों पर ज्यादा भरोसा जताती रही है लेकिन इस बार भाजपा राजपूतों को कम टिकट दिए है। भैरोसिंह शेखावत (Bhairo Singh Shekhawat) के समय से ही राजपूत वोटर्स भाजपा का माना जाता रहा है लेकिन भाजपा ने भी कांग्रेस की तर्ज पर जाट और एससी-एसटी वर्ग को ज्यादा टिकट दिए है। उल्लेखनीय है कि 19 मार्च 2023 के जयपुर में हुए ब्राह्मण महापंचायत में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) की मौजूदगी में ब्राह्मणों को ज्यादा से ज्यादा टिकट देने की मांग की थी। कई वक्ताओं ने मुख्यमंत्री तक बनाने की मांग कर डाली थी। रेलमंत्री ने कहा कि ब्राह्मण धर्म के रक्षा करने वाले हैं।