इसरो चीफ सोमनाथ का बड़ा खुलासा- चंद्रयान- 2 इसलिए फेल हुआ था, क्योंकि....

06 Nov 2023 12:57:50
ISRO Chief Somanath on Chandrayaan-2 failure 
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ एस सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा 'निलावु कुदिचा सिम्हंगल' (द लायंस दैट ड्रंक द मून) में पूर्व प्रमुख के सिवन पर सनसनीखेज आरोप लगाकर हड़कंप मचा दिया। उन्होंने सिवन पर जहां उन्हें इसरो चीफ बनने से रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया तो साथ ही यह भी दावा किया कि चंद्रयान-2 मिशन के विफल होने के पीछे एक नहीं, बल्कि पांच वजहें थीं। उसे जल्दबाजी में लॉन्च किया गया था, नहीं करने का फैसला कर लिया है। इसलिए मिशन फेल हो गया था । दक्षिण भारत के मीडिया समूह मनोरमा ने किताब के हवाले से एक आर्टिकल प्रकाशित किया है, जिसमें ये सभी दावे किए गए हैं। हालांकि, बवाल ज्यादा बढ़ने के बाद इसरो चीफ सोमनाथ ने आत्मकथा को प्रकाशित नहीं करने का फैसला कर लिया है।
 
चंद्रयान-2 पर क्या-क्या किताब में कहा था ?
अपनी किताब में इसरो चीफ सोमनाथ ने दावा किया था कि चंद्रयान 2 मिशन विफल रहा क्योंकि इसे आवश्यक परीक्षण किए बिना जल्दबाजी में लॉन्च किया गया था। सोमनाथ का कहना है कि जांच कमेटी को चंद्रयान-2 मिशन की विफलता के पांच मुख्य कारण मिले थे। सॉफ्टवेयर में गलतियां और इंजन की इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबली में खराबी की वजह से समस्याएं पैदा हुई थीं। इसके अलावा, गलत एल्गोरिथम के कारण इंजन का जोर अपेक्षा से ज्यादा था उपग्रह की यॉविंग गति को कम करना और एक विशेष स्थान पर उतरने का आदेश देना विनाशकारी साबित हुआ। इसके अलावा, सोमनाथ ने यह भी दावा किया कि कई जरूरी जांचें भी नहीं हुई थीं। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि विफल रहने के निष्कर्षो ने चंद्रयान 3 मिशन की सफलता में योगदान दिया।
 
देश का दूसरा मून मिशन था चंद्रयान-2
बता दें कि चंद्रयान-2 भारत का दूसरा मून मिशन था, जिसे चार साल पहले 22 जुलाई, 2019 को एलवीएम3 - एमा रॉकेट द्वारा आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया था। पृथ्वी और चंद्रमा के चक्कर लगाते हुए यह मिशन सितंबर में चांद की सतह पर उतरने वाला था। 6 सितंबर 2019 को उतरने का प्रयास करते समय लँडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। देर रात हो रही इस लैंडिंग को तब करोड़ों लोगों ने लाइव देखा था। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसरो कमांड सेंटर पहुंचे थे।
 
बाद में आखिरी समय पर लैंडिंग सफल नहीं हो सकी थी। इसके बाद इस साल फिर से चंद्रयान 3 को लॉन्च किया गया और 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करवाकर इतिहास रच दिया गया।
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