भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की लीलाओं से कौन नहीं वाकिफ है। उनसे जुड़े आज भी कई ऐसे स्थान है, जोकि अब भी रहस्य बने हुए है। इसे न तो किसी ग्रंथ में बताया गया है और न ही विज्ञान सुलझा पाया है। शास्त्रों में कृष्ण संबंधी कई लीलाएं बताई गई है। साथ ही ये भी बताया गया है कि आखिर श्री कृष्ण ये किया क्यों।
ऐसी ही एक अद्भुत पहेली है। जिसके सामने सभी नतमस्तक है। आजतक इस बारें में पता कोई वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाया है। यह अद्भुत रहस्य श्री कृष्ण की बटर बॉल (Krishna's Butter Ball) नाम से प्रसिद्ध एक चट्टान ऐसी ही एक अद्भुत पहेली है। यह विशाल चट्टान है, जो चेन्नई (Chennai) के निकट महाबलिपुरम (Mahabalipuram) में स्थित है। यहां पर एक विशाल गोले की आकृति में एक चट्टान एक ढलान वाली पहाड़ी पर है। ढलान के बावजूद यह अपने स्थान पर अटल है। इसे श्रीकृष्ण का बटर बॉल कहा जाता है। मान्यता है कि यह चट्टान स्वर्ग से यहां आई थी। यह कृष्ण के प्रिय मक्खन का स्वरूप है।
इस पत्थर की ऊंचाई करीब 20 फीट है। ढलान पर स्थिति होने एवं काफी वजनी होने के बाद भी यह अपनी जगह से नहीं हिलती । इस प्रकार यह भौतिकी के नियमों को चुनौती देती प्रतीत हो रही है। इस पत्थर लोग दूर-दूर से देखने आते है। इसे देखकर मानों ऐसा लगता है कि किसी भी समय यह नीचे आ जाएगा, लेकिन काफी वर्षों के बाद भी यह अपनी जगह बरकरार है। ऐसा क्यों है? इसके पीछे कई अनुमान लगाए जाते हैं। राजाओं ने भी कोशिश, रहे नाकाम कहा जाता है कि दक्षिण भारत पर राज करने वाले पल्लव राजवंश (Pallava dynasty) ने इस पत्थर को यहां से हटाने के लिए प्रयास किया था, परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली। साल 1908 में मद्रास (Madras) के गर्वनर ने इसे यहां से हटाने का हुक्म दिया, जिसके लिए सात हाथियों की मदद ली गई, लेकिन हाथियों का जोर भी इसे यहां से हिला नहीं सका। आज भी लोग इसे हटाने की पूरी कोशिश करते है, लेकिन यह पत्थर ठस से मस नहीं होता है।