जयपुर ( कासं ) । राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने कहा है कि पत्रकारिता व्यवसाय नहीं, 'लोकोपयोगी सेवा' कर्म है। उन्होंने कहा कि जिस कर्म से दूसरों के हितों के लिए, उनकी जागरूकता के लिए और उनको सूचना और विचार - संपन्न करने के लिए कार्य किया जाता है- पत्रकारिता वही लोक आदर्श से जुड़ा कार्य है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों के सम्मान की परम्परा को पत्रकारिता के सामाजिक सरोकार बताते हुए अनुकरणीय बताया ।
मिश्र शुक्रवार को उत्तर प्रदेश (utter pradesh) के प्रतापगढ़ (pratapgarh) जिले में 'एक्सीलेंस अवार्ड' (Excellence Award) समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर समाजसेवा, शिक्षा, उद्यमिता, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आदि विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित से देख-परखकर करने का करते हुए उनसे दूसरों को भी आह्वान किया। राज्यपाल मिश्र प्रेरणा लेने का आह्वान किया। ने कहा कि मीडिया में जो उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का सूचनाएं या समाचार प्रकाशित- स्वरूप तेजी से बदलता जा रहा प्रसारित किए जाएं, वह है। उन्होंने प्रिंट के साथ वेब तथ्यपरक और इस तरह से हों मीडिया के प्रसार को महती कि उनको लेकर किसी तरह बताते हुए इस क्षेत्र से जुड़े का कोई भ्रम या उत्तेजना का लोगों को भाषा शुद्धता और वातावरण नहीं बने। उन्होंने तथ्यों का प्रसारण पूर्ण सजगता कहा कि मीडिया लोकतंत्र का सबसे बड़ा संदेशवाहक है। मीडिया को चाहिए कि वह सही और गलत में भेद करने की दृष्टि से संपन्न करते हुए लोगों को सजग करने का कार्य भी करे । उन्होंने मीडिया द्वारा संविधान- संस्कृति के प्रसार के लिए भी आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि पत्रकारिता इस तरह से होनी चाहिए जिससे हमारा लोकतंत्र मजबूत हो और जिससे स्व- आचार संहिता की सीख भी दूसरों को मिले।
उन्होंने प्रतापगढ़ क्षेत्र से जुड़ी अपनी स्मृतियां साझा करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक दृष्टि से ही नहीं सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से भी बहुत संपन्न स्थान है। उन्होंने पत्रकारिता के तहत संविधान संस्कृति के आलोक में युवाओं को संवैधानिक मूल्यों के ि प्रति जागरूक करने की मुहिम चलाने का भी आह्वान किया।